नई दिल्ली: भारत ने रूस के तेल खरीदकर पूरी दुनिया की मदद की है। यह दावा है केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का। पुरी ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले ने वैश्विक तेल की कीमतों में संभावित भारी बढ़ोतरी को टालने में मदद की। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने रूस से तेल नहीं खरीदा होता तो दुनिया भर में तेल के दाम 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते थे। पुरी ने सस्ता रूसी तेल खरीदने की आलोचना करने वालों को करारा जवाब दिया है। पुरी ने अपनी पोस्ट में एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें वे इंटरव्यू देते नजर आ रहे हैं।पुरी ने साफ किया है कि भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है और ऐसा करने में कोई नियम नहीं तोड़ा है। उन्होंने उन लोगों को ‘अज्ञानी’ कहा जो भारत पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं। मंत्री ने जोर देकर कहा कि रूसी तेल पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बल्कि एक मूल्य प्राइस कैप लगा है। भारतीय कंपनियां इस सीमा का पालन कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि कई यूरोपीय और एशियाई देश भी रूस से अरबों डॉलर का कच्चा तेल, डीजल, एलएनजी और अन्य जरूरी खनिज खरीद रहे हैं।
‘हम उन 7 करोड़ नागरिकों के लिए…’
पुरी ने आगे कहा कि ‘हम लगातार उन सभी से एनर्जी खरीदेंगे, जो हमारी कंपनियों को सबसे कम रेट ऑफर कर रहे हैं। यह पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप का कॉन्फिडेंस है।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘हम हमारे उन 7 करोड़ नागरिकों के लिए एनर्जी की स्टेबल अवेलेबिलिटी, अफॉर्डेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित करेंगे, जो रोज पेट्रोल पंप जाते हैं। यह हमारी टॉप प्रायोरिटी है।’
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत अकेला ऐसा बड़ा ऑयल कंज्यूमर है, जहां पिछले 3 वर्षों से तेल की कीमतों में महत्वपूर्ण गिरावट आई है।