फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह निर्दलियों का समर्थन लेने के भी खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वह इसके लिए ‘जाकर भीख नहीं मांगेंगे’। अब्दुल्ला ने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि वे राज्य को मजबूत कर सकते हैं, तो उनका स्वागत है। यह उनकी पहल होनी चाहिए। उन्हें लोगों के लिए अच्छा करना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव ती मतगणना से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए महबूबा मुफ्ती की पीडीपी से समर्थन लेने के खिलाफ नहीं है। अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद की दौड़ से खुद को बाहर रखते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए ताकि नई सरकार के पास लोगों की समस्याओं का समाधान करने की ताकत हो।
उन्होंने कहा, “राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए। पूर्ण राज्य का दर्जा, जहां सरकार के पास काम करने का अधिकार हो। मैं मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा। यह एक बात स्पष्ट होनी चाहिए। मैंने मुख्यमंत्री का काम कर दिया है। मेरी समस्या यह है कि हम एक मजबूत सरकार कैसे बना सकते हैं और लोगों के सामने जो एजेंडा हमने रखा है, उसे कैसे पूरा कर सकते हैं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन जरूरत पड़ने पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से समर्थन लेगा, अब्दुल्ला ने कहा, “क्यों नहीं?” उन्होंने कहा, “इससे क्या फर्क पड़ता है? अगर हम सभी एक ही चीज के लिए काम करते हैं, राज्य के लोगों की स्थिति में सुधार के लिए, बेरोजगारी को दूर करने के लिए, पिछले 10 वर्षों में हुई सभी परेशानियों को दूर करने के लिए। सबसे पहली चीज जो हमें करनी चाहिए, वह है प्रेस की स्वतंत्रता को बहाल करना। हमें यह कहने का अधिकार होना चाहिए कि क्या सच है और क्या झूठ। हम चुनावों में प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं लेकिन मुझे कोई आपत्ति नहीं है और मुझे यकीन है कि कांग्रेस को भी कोई आपत्ति नहीं होगी।”
नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष ने कहा कि वह निर्दलियों का समर्थन लेने के भी खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वह इसके लिए ‘जाकर भीख नहीं मांगेंगे’। अब्दुल्ला ने कहा, “अगर उन्हें लगता है कि वे राज्य को मजबूत कर सकते हैं, तो उनका स्वागत है। यह उनकी पहल होनी चाहिए। उन्हें लोगों के लिए अच्छा करना चाहिए।”
एग्जिट पोल के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि वे इन कवायदों से रोमांचित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “एग्जिट पोल गलत भी हो सकते हैं और सही भी। जब मत पेटियां खुलेंगी और मतों की गिनती होगी, तब सच्चाई सामने आएगी। हमें उम्मीद है कि गठबंधन एक स्थिर सरकार बनाएगा। हम यही चाहते हैं।” अब्दुल्ला ने जम्मू की अनदेखी करने के लिए भाजपा नीत केंद्र पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “मैं अभी जम्मू से वापस आया हूं, मैंने जम्मू की खस्ता हालत देखी है। मैंने वहां खराब सड़कें देखी हैं, वहां स्ट्रीट लाइट नहीं हैं और फिर भी वे (भाजपा) सोचते हैं कि जम्मू उनकी जेब में है। जम्मू के लोगों को समझना चाहिए कि उन्हें कहां ले जाया गया है। वे हमें गाली देते थे कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने जम्मू के साथ भेदभाव किया है। आज, उनके लोग दिल्ली में बैठे हैं। वे जम्मू को कैसे भूल गए?”