टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कानपुर टेस्ट का क्रेडिट गौतम गंभीर को देने वाले समर्थकों को आड़े हाथों लिया है। गावस्कर का कहना है कि गंभीर को आए हुए अभी कुछ महीने ही हुए हैं, ऐसे में उनको इस जीत का क्रेडिट देना सही नहीं। लिटिल मास्टर ने भारत की इस आक्रामक जीत का श्रेय रोहित शर्मा को देने को कहा है जो पिछले कुछ समय से इसी अंदाज में क्रिकेट खेल रहे हैं और टीम इंडिया को भी खिला रहे हैं।
इंडिया वर्सेस बांग्लादेश दूसरे टेस्ट के लगभग ढाई दिन बारिश की भेंट चढ़ने के बावजूद टीम इंडिया कानपुर टेस्ट को 7 विकेट से जीतने में सफल रही थी। भारत ने इस मैच में आक्रामक बल्लेबाजी की थी। टीम इंडिया की इस बल्लेबाजी को देख हर कोई बैजबॉल से उनकी तुलना करने लगा। कई समर्थकों ने इसे गौतम गंभीर के नाम पर ‘गेमबॉल’ भी नाम दिया। हालांकि सुनील गावस्कर इसके पक्ष में नहीं है।
द हिंदू के कॉलम में सुनील गावस्कर ने लिखा, “दुख की बात है कि, जबकि बल्लेबाजी रोमांचक और ताजगी भरी थी, दृष्टिकोण को दिए गए नाम वही पुराने के पुराने थे। जिस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका में 50 साल पहले वाटरगेट कांड के बाद अब किसी भी घोटाले को यह-गेट या वह-गेट कहा जाता है, उसी तरह इस भारतीय बल्लेबाजी दृष्टिकोण को यह-बॉल और वह-बॉल कहा गया, जब इंग्लैंड टीम के बल्लेबाजी रवैये के लिए “बाजबॉल” शब्द गढ़ा गया। इसे ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि “बैज” उनके कोच, न्यूजीलैंड के ब्रेंडन मैकुलम का उपनाम है, जिन्होंने ठीक उसी तरह बल्लेबाजी की, जैसी उनकी टीम कर रही है।”
उन्होंने आगे लिखा, “जबकि एक अखबार ने भारतीय बल्लेबाजी को “बॉसबॉल” कहा क्योंकि टीम के कप्तान या “बॉस” रोहित ने रास्ता दिखाया था, वहीं कुछ पुराने लोगों ने भारतीय कोच गौतम गंभीर के नाम पर इसे “गैमबॉल” कहा। जबकि बेन स्टोक्स और मैकुलम के नए शासन में इंग्लैंड की बल्लेबाजी का तरीका पूरी तरह से बदल गया, हमने पिछले कुछ वर्षों में देखा है कि रोहित इस तरह से बल्लेबाजी कर रहे हैं और अपनी टीम को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। गंभीर को कोचिंग करते हुए अभी कुछ ही महीने हुए हैं, इसलिए इस दृष्टिकोण का क्रेडिट उन्हें देना तलवे चाटने जैसा है। गंभीर ने खुद शायद ही कभी इस तरह से बल्लेबाजी की हो, जैसा मैकुलम किया करते थे। अगर कोई श्रेय दिया जाना चाहिए, तो वह केवल रोहित को और किसी को नहीं।”