मुंबई50 मिनट पहले
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को ANI को दिए इंटरव्यू में कहा कि लाडली बहना स्कीम को लेकर हमने RBI के सभी नियमों का पालन किया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फ्रीबीज के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- कुछ लोग खटाखट खटाखट करते रह गए, लेकिन उन्होंने एक भी रुपया नहीं दिया। हमारी सरकार पटापट पटापट पैसे डालती है।
न्यूज एजेंसी ANI को शनिवार को दिए इंटरव्यू में शिंदे ने कहा- मेरी लाडली बहना से पूछिए कि क्या उन्हें 1500 रुपये से फायदा हो रहा है। मैं एक गरीब किसान परिवार से हूं। मैंने गरीबी देखी है। मैं सोचता था कि जब भी सत्ता मिलेगी, माताओं- बहनों और किसानों के लिए कुछ करूंगा।
विपक्षी मुझे केंद्र सरकार की कठपुतली समझते हैं। सत्ता मिलते ही मैंने दोनों डिप्टी CM को बताया कि माताओं और बहनों के लिए क्या करना है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी सरकार केंद्र में आई तो गरीब महिलाओं को हर महीने खटाखट खटाखट 8500 रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा 31 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा था कि, हमें वो वादे करने चाहिए, जो पूरे किए जा सके। नहीं तो आने वाली पीढ़ी के पास बदनामी के अलावा कुछ नहीं बचेगा।
शिंदे से 7 सवाल और उनके जवाब सिलसिलेवार पढ़ें…
सवाल: विपक्षियों का कहना है कि आप केंद्र सरकार की कठपुतली हैं शिंदे: महाराष्ट्र में जब से डबल इंजन की सरकार आई है, तब से राज्य को केंद्र से कई लाभ मिले हैं। महायुति सरकार की कड़ी मेहनत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी तारीफ की है। मैं आम आदमी की सेवा करने, लोगों से सीधे बात करने करने और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
सवाल: महाराष्ट्र में किसानों के लिए महायुति सरकार की क्या प्लानिंग है शिंदे: हमारी सरकार किसानों को प्राथमिकता देती है। हमने किसानों के लिए 15,000 करोड़ रुपये एलोकेट कर कई योजनाओं लागू की है। हमारी सरकार किसानों की सरकार है। विपक्ष के सभी आरोप आरोप बेबुनियाद हैं।
विपक्ष ने हमारी क्षमताओं को कम करके आंका है। मेरे लिए सीएम होने का मतलब लोगों की सेवा करना है, न कि केवल किसी ऑफिस में बैठना या फेसबुक लाइव करना। हम एक ऐसी सरकार हैं जो लोगों की सुनती है और काम करती है। हमारी सरकार बहरी या गूंगी नहीं है।
सवाल: खड़गे ने झूठे वादे न करने को लेकर बयान दिया। इस पर आप क्या कहेंगे? शिंदे: खड़गे सही कह रहे हैं क्योंकि उनका इरादा जनता को देने का नहीं है। वो देना नहीं जानते, वो सिर्फ लेना जानते हैं। अगर PM मोदी एक रुपया भेजते हैं तो पूरा रुपया डीबीटी (डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) में चला जाता है, लेकिन खड़गे ने देना नहीं सीखा।
सवाल: लाडली बहना योजना जैसी योजा से महाराष्ट्र की आर्थिकि स्थिति पर फर्क पड़ सकता है शिंदे: हमने आरबीआई और केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन किया। हम GDP का 25 फीसदी लोन ले सकते हैं। हमारा लोन 17.5 फीसदी है और हम फिसकल रिस्पॉन्सबिलिटी और बजट मैनेजमेंट एक्ट के 3% के अंदर हैं।
हम हर गाइडलाइन का पालन करते हैं। हमने कोई उल्लंघन नहीं किया है, इसलिए हमने इसके लिए पूरे साल का बजट रखा है और इसलिए यह योजना बंद नहीं होगी। लाड़ली बहन योजना को कोई नहीं रोक पाएगा।
सवाल: कांग्रेस भी आपकी ही तरह फ्रीबीज योजनाओं का ऐलान कर सकती है शिंदे: हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस सरकारों ने वादे किए थे। सभी जगह सरकार के वादे पूरे नहीं हुए हैं। विपक्ष लगता था कि हम सब कठपुतली हैं। उन्हें नहीं पता था कि हम इतनी बड़ी योजना चलाएंगे और विकास को आगे बढ़ाएंगे।
उद्योग जगत भी हम पर भरोसा कर रहा है। हमारी सरकार लोगों के लिए काम करती है। पिछली सरकारें अपने लिए काम करती थीं। पिछली सरकारें सिर्फ अपनी संपत्ति बनाती थीं। कुछ लोगों ने ‘खटा-खट, खटा-खट’ करके लोगों को एक भी रुपया नहीं दिया। वहीं, महाराष्ट्र सरकार लोगों के खातों में ‘पटा-पट, पटा-पट’ पैसा डालती है।
सवाल: चुनाव के एकदम पहले ही लाडली बहना स्कीम क्यों लाई गई शिंदे: लाडली बहन योजना का पैसा आचार संहिता की वजह से रुकना नहीं चाहिए था, इसलिए हमने नवंबर का पैसा अक्टूबर में ही दे दिया। हमारी नीयत साफ है। 20 नवंबर को चुनाव हैं। 23 को नतीजे हैं। उसके बाद दिसंबर का पैसा नवंबर में देंगे।
सवाल: विपक्ष कह रहा है कि इस चुनाव में शिंदे गुट की हार होगी शिंदे: विपक्ष की बुरी तरह हार होने वाली है। उन्हें यह बात हजम नहीं हो रही है। उन्होंने लाडली बहन स्कीम को बदनाम करने की कोशिश की है। महिलाएं विपक्ष को इस योजना का विरोध करने के लिए माफ नहीं करने वाली है। मेरा सपना है कि हमारी बहनें लखपति बनें और हम इसे पूरा करेंगे।
महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर…
लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें भाजपा को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली थी। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव से NDA को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं।
लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा को नुकसान का अनुमान
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अगर लोकसभा चुनाव जैसा ट्रेंड रहा तो भाजपा को नुकसान होगा। भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमटकर रह जाएगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन के सर्वे में MVA को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है।
विधानसभा चुनाव- 2019
- 2019 में BJP-शिवसेना गठबंधन था। BJP ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीतीं। गठबंधन से NCP को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जाती, पर मनमुटाव के कारण गठबंधन टूट।
- 23 नवंबर 2019 को फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, बहुमत परीक्षण से पहले 26 नवंबर को ही दोनों ने इस्तीफा दे दिया।
- 28 नवंबर को शिवसेना (अविभाजित), NCP (अविभाजित) और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई।
- इसके बाद शिवसेना (अविभाजित) और NCP (अविभाजित) में फूट पड़ गई और ये दो पार्टियां चार धड़ों में बंट गई। फिर भी लोकसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को फायदा हुआ। अब इसी पृष्ठभूमि पर विधानसभा चुनाव भी हो रहा है। पूरी खबर पढ़े…
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