चंडीगढ़ पीजीआई में एक मरीज के साथ आई महिला ने महिला डॉक्टर के साथ मारपीट कर दी। इमरजेंसी में ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर के साथ हुई मारपीट से बवाल हो गया और इमरजेंसी के डॉक्टरों ने काम ठप कर दिया। मामला इतना बढ़ गया है कि डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज करने से साफ मना कर दिया है। रात आठ बजे के बाद से इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है और न ही यहां मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। वहीं, डॉक्टरों की हड़ताल के कारण यहां गंभीर हालत में इलाज के लिए आए एक मरीज की मौत हो गई। उसके परिजनों ने हड़ताल करने वाले डॉक्टरों को इसकी वजह बताया है।
सोमवार रात 8 बजे पीजीआई की इमरजेंसी में भर्ती एक मरीज के साथ आई महिला ने महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट की। इस घटना के बाद डॉक्टरों ने बवाल शुरू कर दिया और इमरजेंसी में कामकाज बंद कर दिया। रेजिडेंट डॉक्टर एक जगह इकट्ठे होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि डॉक्टर के साथ मारपीट करने वाली महिला के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया जाए और भविष्य में डॉक्टरों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं, इसके बाद ही वे काम पर लौटेंगे। हंगामे की सूचना पाकर पीजीआई पुलिस चौकी से पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है। इमरजेंसी ठप होने के बाद इलाज नहीं मिलने से न्यू चंडीगढ़ निवासी महिला मरीज की मौत हो गई। मरीज का नाम सुनीता देवी है।
कोलकाता रेप केस के विरोध में कई दिन की थी हड़ताल
इससे पहले चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टरों ने कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में कई दिनों तक जमकर प्रदर्शन किया था और कामकाज ठप रखा था। पीजीआई के करीब 1500 रेजिडेंट और ट्रेनी डॉक्टरों के एकसाथ हड़ताल पर जाने से लगभग सभी वार्डों, ओपीडी और इमरजेंसी में मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। पीजीआई में रोजाना चंडीगढ़ समेत पंजाब-हरियाणा व हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से हजारों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं।
रिपोर्ट: मोनी देवी