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अयोध्या1 घंटे पहले
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अयोध्या में राम मंदिर शिखर निर्माण की पहली लेयर बनकर तैयार हो गई है। 29 लेयर में मंदिर का निर्माण किया जाएगा।
अयोध्या के श्रीराम मंदिर के शिखर का निर्माण शुरू हो गया है। इस नवरात्रि के पहले दिन पहला पत्थर रखकर शिखर का निर्माण शुरू किया गया। जमीन से 161 फीट ऊंचा शिखर 120 दिन में तैयार हो जाएगा।
नागर शैली में बनने वाला शिखर अष्टकोणीय होगा। खास बात यह है कि यह पहला राम मंदिर है, जिसका शिखर अष्टकोणीय है। मंदिर निर्माण में अब क्या-क्या होगा, यह जानने के लिए भास्कर ने मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा से बातचीत की।
राम मंदिर शिखर बनने की 4 तस्वीरें…
पहली लेयर सेट होने के बाद की तस्वीर है।
लेयर के बीच खांचे हैं, जिसमें दूसरी लेयर के तराशे गए पत्थर सेट किए जाएंगे।
शिखर की दूसरी लेयर का काम भी शुरू कर दिया गया है। क्रेन से पत्थर छत पर लाए जा रहे हैं।
शिखर निर्माण का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है। ।
पढ़िए बातचीत के अंश…
सवाल: शिखर की सबसे खास बात क्या है? जवाब: आमतौर पर मंदिर का शिखर चतुष्कोणीय होता है लेकिन राम मंदिर का यह शिखर अष्टकोणीय होगा। अष्टकोण यानी 8 दिशाएं। भगवान विष्णु जिस कमल के आसन पर बैठते हैं वह भी अष्टकोणीय है। पुरातत्व विभाग की खुदाई के दौरान पता चला था कि मंदिर का गर्भगृह अष्टकोणीय है। राम मंदिर में पहली बार ऐसा शिखर बनाया जा रहा है।
सवाल: क्या मंदिर के शिखर की 161 फीट ऊंची संरचना बनाना सुरक्षित है? जवाब: यह बिल्कुल सुरक्षित है। अगर जरूरत हुई तो शिखर की ऊंचाई बढ़ाई जा सकती है। नागर शैली में जो मंदिर बनते हैं, उसमें जोखिम का दोगुना ध्यान रखा जाता है। इसमें सारी गणनाएं इस तरह होती हैं कि अगर शिखर का वजन दोगुना हो तो भी फाउंडेशन दबाव सह सके। यह शिखर रिक्टर स्केल पर 8-10 तीव्रता के भूकंप में भी सुरक्षित रहेगा।
सवाल: दूसरी मंजिल पर क्या अलग है? जवाब: आमतौर पर राम मंदिर में मूर्तियां खड़ी अवस्था में बनती हैं। अयोध्या राम दरबार में भगवान राम और सीता सिंहासन पर होंगे। दोनों ओर लक्ष्मण, शत्रुघ्न, भरत व हनुमानजी भूमि पर बैठे होंगे। श्रद्धालुओं को लगेगा कि वे राम दरबार में आ गए हैं। गर्भगृह 20X20 वर्गफीट का होगा। भगवान सीता-राम की मूर्ति की ऊंचाई 5 फीट होगी।
29 लेयर में का होगा भव्य शिखर राम मंदिर नींव की तरह शिखर निर्माण भी वन बाई वन लेयर में किया जा रहा है। 29 लेयर में भव्य शिखर बनेगा। 29 पॉइंट की लेयर के बाद अंतिम बिंदु का स्पर्श होगा। शिखर की घुमावदार परिधि/व्यास नीचे से ऊपर बढ़ते क्रम में घटती जाएगी।
85 फीट ऊंचा होगा शिखर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार 161 फिट ऊंचा शिखर बनेगा। इसमें 45 फिट ऊंचा और पांच टन वजन का ध्वज स्तंभ भी स्थापित किया जाएगा। इस पर राम मंदिर की पताका फहराएगी। शिखर निर्माण के बारे में राम मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा ने बताया- निर्माण में स्थापत्य कला का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। शिखर मार्च 2025 से पहले बनकर तैयार हो जाएगा।
7 ऋषि-मुनियों के मंदिर 4 महीने में बनेंगे राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक, राम मंदिर परिसर में बन रहे सप्त मंदिर को काम जारी है। ये मंदिर 7 ऋषि- मुनियों वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज के नाम पर हैं। यहां पर सभी की मूर्तियां लगेंगी। इसका निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
इसके अलावा मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न समेत 24 देवताओं की मूर्तियों का निर्माण भी पूरा हो गया है। इन्हें जल्द स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया, राम मंदिर के निर्माण में तेजी लाने के लिए तीन दिन की समीक्षा बैठक हो रही है।
1500 वर्कर शिखर बनाने के काम में लगे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, दिसंबर-2024 तक मंदिर के सभी काम पूरे करने का टारगेट है। मंदिर बना रही कंपनी L&T ने योजना तैयार की है। इसके तहत बड़ी संख्या में वर्करों को लगाकर दिन-रात काम कराया जाएगा। शिखर बनाने में इस समय करीब 1500 वर्कर लगे हैं। ये राजस्थान, गुजरात, बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं।
पहले और दूसरे फ्लोर पर क्या होगा? राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर गर्भगृह है। इसके ऊपर पहले फ्लोर पर राम दरबार की मूर्तियों की स्थापना होगी। भक्त रामलला के दर्शन के बाद सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर जाकर राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे। दूसरे फ्लोर पर किसी भी मूर्ति की स्थापना को लेकर अभी कुछ तय नहीं है।
राम मंदिर पर अब तक 1800 करोड़ से ज्यादा खर्च
इस साल 22 जनवरी को राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ था। PM मोदी ने दोपहर 12:30 बजे भगवान राम की पूजा-अर्चना की थी।
यह फोटो प्राण प्रतिष्ठा के दिन की है। जब मंदिर को फूलों से सजाया गया था।
अब आपको राम मंदिर के शिखर को लेकर चल रहे विवाद के बारे में बताते हैं…
शंकराचार्य ने 22 सितंबर को अयोध्या आने के बावजूद राम मंदिर के दर्शन नहीं किए थे।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 22 सितंबर को अयोध्या पहुंचे थे। गो-प्रतिष्ठा आंदोलन की शुरुआत की। रामकोट की परिक्रमा की। फिर जानकीघाट पर चारूशिला मंदिर में गो-ध्वज स्थापित किया, लेकिन रामलला का दर्शन करने नहीं गए थे।
उन्होंने कहा था- हमने प्रण लिया है कि जब तक राम मंदिर निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक हम दर्शन नहीं करेंगे। जिस मंदिर में शिखर नहीं, उसे मंदिर नहीं माना जाता। अभी मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। मंदिर जाने से पहले सबसे पहले ध्वज का दर्शन करना होता है। अभी ध्वज दर्शन के लिए उपलब्ध नहीं है। कलश दर्शन के लिए कलश उपलब्ध नहीं है। वहां जाकर क्या दर्शन करेंगे? जो दर्शन कर रहे हैं, वह श्रद्धालु हैं, हम जिम्मेदार व्यक्ति हैं।
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अयोध्या में राम मंदिर की मूर्तियां अक्टूबर के आखिर बन जाएंगी, जून 2025 में मंदिर पूरा करने का लक्ष्य
अयोध्या में राम मंदिर की सभी मूर्तियां अक्टूबर के आखिर तक बनकर तैयार हो जाएंगी। अक्टूबर में सभी 25 मूर्तियां बनने के बाद अयोध्या पहुंच जाएंगी। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा, ‘कुबेर टीला बनकर तैयार है, उसे एक माह के अंदर राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा।’ पूरी खबर पढ़ें...
रामलला मंदिर के लिए अब तक 5500 करोड़ मिले, अमेरिका-नेपाल से सबसे ज्यादा डोनेशन
अयोध्या राम मंदिर का खजाना बढ़ता जा रहा है। 3 मंजिला मंदिर के लिए देश-विदेश से अब तक 55 सौ करोड़ रुपए का फंड आ चुका है। यह राशि यूपी सरकार के कई बड़े विभागों के बजट से ज्यादा है। राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, पिछले 10 महीने में करीब 11 करोड़ रुपए का दान विदेश से मिला है। इसमें अमेरिका और नेपाल के भक्त सबसे आगे हैं। पढ़ें पूरी खबर…