केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि 2019 में भाजपा के साथ संबंध तोड़ने और अपने पिता और पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे के दर्शन को त्यागकर कांग्रेस और एनसीपी (तब अविभाजित) के साथ हाथ मिलाने का उनका फैसला एक ‘विश्वासघाती कदम’ था. उन्होंने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद के परिदृश्य को लेकर यह टिप्पणी की, जब मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेदों के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (अविभाजित) ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था.
पीयूष गोयल ने इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, ‘2019 में, शिवसेना हमारे साथ मिलकर लड़ी थी और पीएम मोदी की लोकप्रियता का फायदा उठाया. महाराष्ट्र के लोगों ने मोदी-फडणवीस के कॉम्बिनेशन पर भरोसा किया और हमें वोट दिया. लेकिन, उन्होंने (शिवसेना) हमारी पीठ में छुरा घोंपा, सिर्फ सत्ता के लालच में, सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए.’
‘वो उद्धव ठाकरे का विश्वासघाती कदम था’
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास आधी सीटें होने के बावजूद उन्होंने ऐसा किया. बालासाहेब ठाकरे के दर्शन को त्यागना एक विश्वासघाती कदम था. कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी द्वारा शिवसेना को अपने पाले में स्वीकार करना विश्वासघात था.’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में जनादेश पीएम मोदी और महायुति गठबंधन के लिए था. उन्होंने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ‘असली’ शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ‘असली’ एनसीपी है.
‘शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ही असली है’
यह पूछे जाने पर कि क्या इस साल के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा नवनिर्वाचित शिवसेना (यूबीटी) विधायकों का अपने पाले में स्वागत करने के लिए तैयार है, पीयूष गोयल ने कहा, ‘हमें उनके निर्वाचित कुछ विधायकों के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है. धनुष-बाण के चुनावी चिह्न वाली असली शिवसेना, जो बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को वास्तविकता बनाने के लिए काम कर रही है, वह शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना है.’ उन्होंने अजित पवार को एनसीपी का ‘लोकप्रिय नेता’ बताया और शरद पवार की आलोचना की.
‘अजित पवार का नेतृत्व ही सच्चा नेतृत्व है’
पीयूष गोयल ने कहा, ‘मैंने शरद पवार की एक दिलचस्प टिप्पणी पढ़ी कि उन्होंने एनसीपी की स्थापना की थी. देखिए, लोग पार्टियां बनाते हैं, लेकिन पार्टी की विचारधारा महत्वपूर्ण है. वह पार्टी की विचारधारा पर कायम नहीं रहे और यही कारण है कि 75-80 प्रतिशत से अधिक विधायकों ने अजित पवार के साथ बने रहने का फैसला किया और उनमें से लगभग सभी फिर से चुने गए. इससे स्पष्ट है कि एनसीपी अजित पवार का नेतृत्व ही सच्चा नेतृत्व है और वे हमारे साथ हैं.’
पीयूष गोयल ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में लगातार तीसरी बार एनडीए की जीत ‘अभूतपूर्व और पूरी दुनिया के लिए आश्चर्य का विषय’ थी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ रहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव में बेहद कम अंतर से कई सीटें हार गई. भाजपा 10 साल में पहली बार 272 के बहुमत के आंकड़े को पार करने में विफल रही, उसे 240 सीटें मिलीं और उसे लाइन पार करने के लिए टीडीपी और जेडी(यू) जैसे सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ा.
‘पीएम मोदी के लिए वोट करना चाहते थे महाराष्ट्र और हरियाणा के वोटर’
उन्होंने कहा कि मतदान प्रतिशत कम था क्योंकि लोगों को विश्वास था कि पीएम मोदी तीसरी बार फिर से चुने जाएंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यह पीएम मोदी द्वारा लोगों के बीच अर्जित विश्वास था. हरियाणा और महाराष्ट्र में, कई मतदाता जो शर्मिंदा थे और जिन्होंने पीएम मोदी को निराश किया था, वे बाहर जाकर प्रतिशोध के साथ उनका समर्थन करने के लिए मतदान करना चाहते थे.’