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प्रदूषण पर दिल्ली सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट, दिए जरूरी दिशानिर्देश,जानिए कोर्ट में क्या-क्या हुआ

प्रदूषण पर दिल्ली सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट, दिए जरूरी दिशानिर्देश,जानिए कोर्ट में क्या-क्या हुआ


नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार को इस मामले में फटकार लगाई है। कोर्ट सुनवाई के दौरान सरकार के दिए हलफनामे से भी संतुष्ट नहीं दिखा। कोर्ट ने ग्रैप-4 के दो बिंदुओं पर भी असंतुष्टता जताई है। इसके अलावा अदालत ने एंट्री प्वाइंट्स पर भी सवाल उठाया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह सभी 113 बिंदुओं पर तुरंत चेकपॉइंट स्थापित करें। आइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में आज क्या-क्या हुआ?113 प्वाइंट्स पर बनें चेकपॉइंट
सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली में भयानक रूप ले रहे प्रदूषण पर आज चिंता व्यक्त करते हुए कुछ दिशानिर्दश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि वे दिल्ली में प्रवेश के सभी 113 बिंदुओं पर तुरंत चेकपॉइंट स्थापित करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवेश बिंदुओं पर तैनात कर्मियों को आवश्यक वस्तुओं के अंतर्गत स्वीकार्य वस्तुओं के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी दी जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 113 प्रवेश बिंदुओं में से 13 प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी रखी जाती है ताकि GRAP चरण IV के खंड A और B का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगभग 100 प्रवेश बिंदु मानव रहित(Unmanned) हैं और ट्रकों के प्रवेश की जांच करने वाला कोई नहीं है।

वकीलों की भी रहेगी नजर
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और CAQM की ओर से पारित आदेशों के बावजूद,दिल्ली सरकार और पुलिस की ओर से GRAP चरण IV के तहत धाराओं का पालन करने में विफलता दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि 13 प्रवेश बिंदुओं पर CCTV कैमरे लगे हैं और उसने CCTV फुटेज जल्द से जल्द मामले में एमिकस क्यूरी को देने का निर्देश दिया है। बार के 13 वकील विभिन्न प्रवेश बिंदुओं पर जाएंगे और यह पता लगाएंगे कि उन प्रवेश बिंदुओं पर GRAP चरण IV के खंडों का पालन किया जा रहा है या नहीं।

राहुल गांधी ने भी जताई चिंता
राहुल गांधी ने पल्यूशन पर चिंता जताते हुए कहा कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है, एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जो हमारे बच्चों का भविष्य चुरा रहा है और बुजुर्गों का दम घुट रहा है। यह एक पर्यावरणीय और आर्थिक तबाही है जो अनगिनत लोगों के जीवन को बर्बाद कर रही है।

राहुल ने कहा कि हमारे बीच सबसे गरीब लोग सबसे अधिक पीड़ित हैं,वे अपने आस-पास की जहरीली हवा से बच नहीं सकते हैं। परिवार साफ हवा के लिए तरस रहे हैं,बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और लाखों लोगों की जान जा रही है। पर्यटन गिर रहा है और हमारी वैश्विक प्रतिष्ठा गिर रही है।

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि प्रदूषण का बादल सैकड़ों किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसे साफ करने के लिए सरकारों,कंपनियों,विशेषज्ञों और नागरिकों से बड़े बदलाव और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता होगी। हमें एक सामूहिक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है,न कि राजनीतिक दोषारोपण की। जैसा कि संसद कुछ दिनों में शुरू होने वाली है,सांसदों को हमारी जलन वाली आंखों और गले में खराश से संकट की याद दिलाई जाएगी। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक साथ आएं और चर्चा करें कि भारत इस संकट को एक बार और सभी के लिए कैसे खत्म कर सकता है।



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