जब चिराग पासवान बने देवदूत
चिराग पासवान दरभंगा में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे। हाजीपुर से गुजरते समय उन्होंने सड़क किनारे दो युवकों को घायल अवस्था में देखा। मंसूरपुर गांव के पास एनएच 22 पर ये युवक दर्द से कराह रहे थे। यह देखकर चिराग पासवान ने तुरंत अपना काफिला रुकवाया।
अपनी गाड़ी से घायलों को ले गए अस्पताल
वह खुद अपनी गाड़ी से उतरे और घायलों के पास गए। उन्होंने बिना देर किए दोनों युवकों को अपनी गाड़ी में बिठाया और हाजीपुर सदर अस्पताल पहुँचाया। चिराग पासवान ने खुद घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।
इन युवकों के साथ हुआ हादसा
हादसे में घायल युवकों की पहचान सराय थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर बुजुर्ग गांव निवासी 40 वर्षीय मोहम्मद इजाज और 16 वर्षीय मोहम्मद दुलारे के रूप में हुई है। मोहम्मद इजाज के पिता का नाम मोहम्मद कलिम है, जबकि मोहम्मद दुलारे के पिता मोहम्मद मुमताज हैं।
अस्पताल में चल रहा घायलों का इलाज
अस्पताल में दोनों घायलों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, दोनों की हालत गंभीर है। वे अभी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। चिराग पासवान के इस नेक काम की लोगों ने खूब सराहना की। हादसे के बाद उन्होंने स्थानीय लोगों से घटना की जानकारी भी ली। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के बाद चिराग पासवान अपने कार्यक्रम के लिए दरभंगा रवाना हो गए।
पुलिस कर रही मामले की जांच
हादसे के बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घायलों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की जा रही है। चिराग पासवान के इस कार्य की हर तरफ प्रशंसा हो रही है। लोग उनकी संवेदनशीलता की तारीफ कर रहे हैं। यह घटना दर्शाती है कि मदद के लिए हमेशा कोई न कोई आगे आता है।